December 13, 2025

ऑनलाइन टोकन व्यवस्था चरमराई, धान खरीदी में भारी अव्यवस्था से किसान त्रस्तकांग्रेस ने सरिया तहसीलदार को सौंपा कड़ा ज्ञापन, 3 दिन में समाधान नहीं तो उग्र आंदोलन की चेतावनी

1 min read
Spread the love

सारंगढ़–बिलाईगढ़।धान खरीदी वर्ष 2025–26 की शुरुआत के साथ ही किसानों की परेशानियाँ लगातार बढ़ती जा रही हैं। ऑनलाइन टोकन प्रणाली, जिसे सुचारू और पारदर्शी व्यवस्था के रूप में प्रस्तुत किया गया था, अब किसानों के लिए सबसे बड़ी बाधा बनती दिखाई दे रही है। इसी गम्भीर समस्या को लेकर गुरुवार को ब्लॉक कांग्रेस कमेटी सरिया ने तहसीलदार सरिया को एक विस्तृत और तीखा ज्ञापन सौंपते हुए प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि तीन दिनों के भीतर स्थिति में ठोस सुधार नहीं किया गया, तो कांग्रेस उग्र आंदोलन, घेराव और धरना करने को बाध्य होगी।

कांग्रेस पदाधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन टोकन जारी करने वाली प्रणाली पिछले कई दिनों से बार-बार ठप हो रही है। सर्वर डाउन रहने के कारण हजारों किसान समय पर टोकन नहीं कटवा पा रहे हैं। धान खरीदी का समय सीमित होने और टोकन पर कड़ी पाबंदियों के चलते किसान बुरी तरह परेशान हैं। विशेषकर वे किसान जिनकी भूमि पाँच एकड़ या उससे अधिक है, उन्हें अधिकतम तीन टोकन की सीमा में बांध दिया गया है। इससे किसानों की उपज का बड़ा हिस्सा समय पर बिक ही नहीं पा रहा है।

किसानों ने कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सुबह से रात तक ऑनलाइन टोकन कटाने की कोशिश करने के बावजूद सर्वर फेल हो जाता है, वेबसाइट खुलती नहीं है या फिर प्रक्रिया बीच में ही अटक जाती है। ऐसे में किसान मजबूरन घरों में बैठकर सिस्टम के सुधरने का इंतजार कर रहे हैं, जबकि मंडियों में धान का ढेर लग चुका है। धान की नमी और मौसम की मार का खतरा अलग से बना हुआ है।

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि सहकारी समितियों के प्रति दिन धान खरीदी की लिमिट को कम कर दिया गया है, जिसके कारण किसानों को अपना धान बेचने के लिए दिनों तक लाइन में लगना पड़ रहा है। पूर्व वर्षों की तुलना में खरीदी केंद्रों की गति बेहद धीमी है। कई किसानों ने बताया कि समिति की प्रतिदिन खरीदी क्षमता घट जाने से टोकन मिलने के बाद भी समय पर वजनी (तौल) नहीं हो पा रही है। इससे किसान आर्थिक और मानसिक तनाव झेल रहे हैं।

कांग्रेस ने इन परिस्थितियों को किसानों के साथ सीधी नाइंसाफी बताते हुए मांग रखी कि—

1. सहकारी समितियों की प्रतिदिन खरीदी सीमा तत्काल बढ़ाई जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों का धान समय पर खरीदा जा सके।

2. ऑनलाइन टोकन कटाने के लिए न्यूनतम 3 दिनों का अतिरिक्त अवसर या विशेष विंडो उपलब्ध कराई जाए, जिससे सर्वर की समस्या से प्रभावित किसानों को पुनः मौका मिल सके।

3. सर्वर डाउन और तकनीकी खराबियों को तुरंत दूर किया जाए, ताकि किसान बिना तनाव के अपना टोकन प्राप्त कर सकें।

4. खरीदी केंद्रों में पर्याप्त कर्मचारी, तौल उपकरण और परिवहन साधन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए, जिससे खरीदी प्रक्रिया में तेजी लायी जा सके।

कांग्रेस पदाधिकारियों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह सिर्फ तकनीकी समस्या नहीं है बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है, जिसका बोझ किसानों की मेहनत पर पड़ रहा है। धान खरीदी सीजन किसानों के लिए पूरे साल की मेहनत का प्रतिफल पाने का समय होता है, और यदि यही समय प्रशासनिक गड़बड़ियों में उलझ जाए, तो किसान हताश और निराश होंगे।

ज्ञापन सौंपने के दौरान कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष, कई जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ कार्यकर्ता और किसान नेता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि यदि प्रशासन तीन दिनों के भीतर समाधान नहीं निकालता है, तो कांग्रेस सड़क से लेकर तहसील कार्यालय तक बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी। किसानों के हक की लड़ाई किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ी जाएगी।

मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट है कि ऑनलाइन टोकन व्यवस्था किसानों के लिए राहत की बजाय मुसीबत बन चुकी है। लगातार सर्वर फेल होने, सीमित खरीदी क्षमता और जटिल प्रक्रिया के कारण किसान अपने ही धान को बेचने के लिए संघर्ष करने को मजबूर हैं। यदि प्रशासन त्वरित कार्यवाही नहीं करता, तो आने वाले दिनों में असंतोष और आक्रोश और अधिक बढ़ सकता है।

किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए जरूरी है कि शासन-प्रशासन जमीनी हकीकत को समझते हुए तत्काल कदम उठाए, ताकि धान खरीदी कार्य सुचारू रूप से जारी रह सके और किसानों को राहत मिल सके। कांग्रेस द्वारा दी गई चेतावनी ने प्रशासन के सामने स्पष्ट संदेश रखा है—अब सुधार ही एकमात्र विकल्प है, वरना आंदोलन के लिए तैयार रहे।

Loading

error: Content is protected !!