एनएचएम कर्मचारियों का ताली-थाली आंदोलन: 16,000 संविदा कर्मी सड़क पर, विधानसभा घेराव आज
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रायगढ़,छत्तीसगढ़ दिनांक :17जुलाई 2025काम बंद कर हड़ताल पर रहे, एनएचएम कर्मचारी
जिले के समस्त एनएचएम कर्मचारी सड़क पर उतरे
रैली निकालते हुए, ताली थाली बजाते बताई अपनी पीड़ा
गांव के कई उप स्वास्थ्य केंद्र बंद
नहीं हुई बीपी और शुगर जांच, न हुआ साप्ताहिक हेल्थ मेला, प्रभावित हो रहा टीकाकरण
आज कर रहे है विधानसभा घेराव
“20 वर्षों से केवल वादे और छलावा मिला है, इसलिए आज हमें ताली और थाली बजानी पड़ी!” – एनएचएम कर्मचारी

कोरोना काल में जनता ने बजाई थी ताली-थाली, आज अपनी पीड़ा के लिए खुद बजाने को मजबूर हैं एनएचएम कर्मी।
छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16,000 से अधिक संविदा कर्मचारी आज से अपनी नियमितीकरण सहित 10 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर सभी जिला कलेक्टरों के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप गया हैं

एनएचएम कर्मियों का दो दिवसीय प्रदेशव्यापी आंदोलन आज से शुरू हो चुका है।
प्रदेश के सभी 33 जिलों में 16,000 से अधिक एनएचएम कर्मचारी ताली-थाली बजाकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया,
रायगढ़ में शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी मिनी स्टेडियम में जिले के सभी NHM कर्मचारियों ने धरना/प्रदर्शन/ताली थाली रैली का आयोजन किया गया
ताली थाली बजाते हुए, जिले के समस्त NHM संविदा कर्मी जल्द से जल्द समाधान, तथा कल रायपुर में विधानसभा घेराव तथा नारे लगाते हुए दिखे
वृहद रैली की शक्ल में संयुक्त कलेक्टर राकेश कुमार गोलचा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर शीघ्र निराकरण की उम्मीद जताई

मुख्य मांगे :-
1️⃣ नियमितीकरण/संविलयन
2️⃣ ग्रेड-पे निर्धारण
3️⃣ पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
4️⃣ मेडिकल अवकाश की सुविधा
5️⃣ 27% वेतन वृद्धि
…सहित कुल 10 सूत्रीय माँगें, जो 20 वर्षों से लंबित हैं।
कोरोना महामारी के दौरान इन्हीं एनएचएम कर्मियों के लिए देशभर में ताली-थाली बजाई गई थी।
प्रधानमंत्री ने हमें ‘कोरोना योद्धा’ कहा था, लेकिन आज भी हम संविदा में शोषित, उपेक्षित और पीड़ित हैं।
देश ने सम्मान दिया लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने हमें आज तक स्थायी नहीं किया, ना ही अधिकार दिए।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी का बयान :
“सरकार से कई बार संवाद करने के बाद भी कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ। यह प्रदर्शन केवल ध्यान आकर्षण नहीं, बल्कि सरकार के प्रति अंतिम चेतावनी है। यदि शीघ्र समाधान नहीं निकला, तो यह आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।”

जिला अध्यक्ष शकुंतला एक्का का बयान :
“प्रदेश के सभी 33 जिलों में हमारे 16,000 से अधिक साथियों ने आज कलेक्टरों के माध्यम से ज्ञापन सौंप दिए हैं। यदि 15 दिन में माँगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन उग्र रूप लेकर अनिश्चितकालीन किया जाएगा।”
कर्मचारियों का आक्रोश :
सरकार बदल गई, पर संविदा कर्मियों की स्थिति जस की तस बनी हुई है।
जनता, जनप्रतिनिधि, विधायक और सांसद लगातार अनुशंसा पत्र दे रहे हैं, लेकिन सरकार आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दे रही।