बिना सुरक्षा, बिना जिम्मेदारी: ट्रांसफार्मर हादसे में ठेका श्रमिक झुलसा, सिस्टम पर उठे गंभीर सवाल
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जिला संवाददाता-ओंकार शर्मा
फिंगेश्वर। बिजली विभाग की लापरवाही ने एक बार फिर इंसानी जिंदगी को संकट में डाल दिया है। ग्राम सेंदर निवासी वेद राम साहू, जो कि ठेका श्रमिक के रूप में कार्यरत था, फिंगेश्वर नगर के मुख्य मार्ग पर स्थित ट्रांसफार्मर में डीओ चढ़ाने के दौरान करंट की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गया। प्राथमिक उपचार के बाद उसकी हालत को देखते हुए रायपुर रेफर कर दिया गया है।

हादसा या खुली लापरवाही?
हादसे के वक्त युवक को टाउन ट्रांसफार्मर पर डीओ चढ़ाने के निर्देश थे, जिसके लिए विधिवत परमिट भी जारी किया गया था। लेकिन गलती से युवक रिंग रोड ट्रांसफार्मर पर चढ़ गया, जहां कोई परमिट नहीं लिया गया था। इस दौरान अचानक बिना किसी पूर्व सूचना के विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई, जिससे वह करंट की चपेट में आ गया।
गंभीर चोटें, नाजुक स्थिति
घटना में युवक के दोनों पैरों और हाथों की त्वचा बुरी तरह झुलस गई है, साथ ही ट्रांसफार्मर से गिरने के कारण सिर में गहरी चोट भी आई है। डॉ. विपिन लहरे ने बताया कि युवक की स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है और हेड इंजरी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सवाल वही पुराना: जिम्मेदार कौन?
क्या ऑपरेटर ने निगरानी में चूक की?
बिना सूचना के बिजली आपूर्ति क्यों बहाल हुई?
ठेका प्रबंधन ने सुरक्षा उपाय क्यों नहीं अपनाए?
सहायक अभियंता सिवेन्द्र साहू (CSPDCL, राजिम) ने कहा कि “मामले की जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी।” मगर यह बयान सिर्फ एक औपचारिकता जैसा लगता है, क्योंकि आज तक ऐसी घटनाओं में किसी पर सख्त कार्रवाई की मिसाल नहीं बनी।
अब वक्त है जवाबदेही का
वेद राम साहू की हालत हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या सिस्टम में काम कर रहे ठेका श्रमिक सिर्फ एक संख्या बनकर रह गए हैं? जब तक सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर सख्ती नहीं बरती जाएगी और जिम्मेदारों को कड़ी सजा नहीं मिलेगी, ऐसे हादसे दोहराए जाते रहेंगे।
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