पंडरीपानी तेंदुआ कांड: वन्यजीव तस्करी में लिप्त तीन आरोपी गिरफ्तार, न्यायिक रिमांड पर भेजे गए जेल
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ओंकार जिला संवाददाता
छुरा: पंडरीपानी के जंगलों में एक माह पूर्व दो तेंदुओं की रहस्यमयी मौत के मामले में वन विभाग को बड़ी सफलता मिली है। वन्यजीव तस्करी के इस गंभीर मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।

घटना की पृष्ठभूमि:
11 अप्रैल 2025 को पंडरीपानी के वनकक्ष क्रमांक 298 में तेंदूपत्ता तोड़ रहे ग्रामीणों को दो तेंदुए मृत अवस्था में मिले थे। भय के कारण वे तत्काल गांव लौट आए। दो दिन बाद घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिससे पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। जब पत्रकार मौके पर पहुंचे, तो केवल तेंदुओं के अवशेष ही शेष थे।

वन विभाग की त्वरित कार्रवाई:
मामले की गंभीरता को देखते हुए वनमंडलाधिकारी, उपवनमंडलाधिकारी और वन्यजीव चिकित्सकों की टीम ने घटनास्थल की जांच की। मौके पर तेंदुए के मांस, खाल, पूंछ आदि के टुकड़े मिलने से वन्यप्राणी हत्या की पुष्टि हुई। प्रकरण दर्ज कर जांच आरंभ की गई।
गुप्त सूचना से खुला राज, तीन आरोपी गिरफ्तार:
28 मई को मुखबिर की सूचना पर वन विभाग ने तीन आरोपियों को ग्राम कोचबाय चौराहे से गिरफ्तार किया। उनके पास से तेंदुए के 33 नाखून, 1 दांत और 3 बाल बरामद किए गए। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान इस प्रकार हुई:
अशोक (48), ग्राम सेहराजानी
बीरबल यादव (28), ग्राम सेहरापानी
अशोक कमार (45), ग्राम पंडरीपानी
छापेमारी में अन्य वन्यजीव अवशेष बरामद:
तीसरे आरोपी अशोक कमार के घर से अन्य वन्यजीवों के पैर, मांस, पंख व बाल भी बरामद हुए हैं। इनकी पहचान के लिए जैविक परीक्षण जारी है।
पूरे वन अमले की मुस्तैदी:
इस कार्रवाई में छुरा, गरियाबंद, परसुली और पाण्डुका परिक्षेत्र के वन अधिकारी व कर्मचारी सक्रिय रहे। वन विभाग की यह कार्रवाई वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
जांच जारी, और गिरफ्तारियों की संभावना:
वन विभाग ने संकेत दिए हैं कि इस नेटवर्क में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। आगे की जांच में और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।