कुमार जितेन्द्र जायसवाल की अंबिकापुर वापसी, पत्रकारिता जगत में खुशी की लहर के साथ फूल मालाओं से भव्य स्वागत।
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अंबिकापुर (सरगुजा)। एक साल के लंबे वनवास के बाद, छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित पत्रकार और क्रांतिकारी शख्सियत कुमार जितेन्द्र जायसवाल कल यानी 9 मार्च को अपने गृह जिले सरगुजा लौट रहे हैं। उनके स्वागत में अंबिकापुर नगर में धूम मचने वाली है, जहां उनके चाहने वाले, पत्रकार और युवा मिलकर एक भव्य रोड शो का आयोजन करेंगे।
पत्रकारिता जगत में प्रेरणा स्त्रोत
कुमार जितेन्द्र जायसवाल, जिनकी पहचान न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि कई अन्य राज्यों के पत्रकारिता जगत में एक प्रेरणा स्रोत के रूप में है, उनकी वापसी को लेकर उनके समर्थकों में गजब का उत्साह है। जैसे ही शुक्रवार को उनकी वापसी की सूचना मिली, अंबिकापुर में उनके स्वागत की तैयारियां जोरों पर चलने लगीं।
बतादें कि कांग्रेस के कार्यकाल में पत्रकार जितेंद्र कुमार जायसवाल को जेल और 1 साल के लिए जिला बेघर किया गया था। आज उनका वनवास पूरा हुआ। जिसके बाद वे घर वापसी कर रहे है।
निर्भीक और क्रांतिकारी विचारधारा
सभी के दिलों में उनकी छवि एक निर्भीक, क्रांतिकारी और ऊर्जावान पत्रकार की है। उनकी कार्यशैली ने न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देशभर में पत्रकारिता की दिशा को प्रभावित किया है। ऐसे में उनके गृह जिले में उनका स्वागत बेहद खास होने जा रहा है।
रोड शो निकाला जाएगा
रोड शो की शुरुआत दोपहर 12 बजे से होगी, जिसमें कुमार जितेन्द्र जायसवाल दोपहिया और चार पहिया वाहनों के काफिले के साथ सड़कों पर उतरेंगे। पहले चरण में शासकीय वेलकम गेट बिलासपुर रिगरोड अंबिकापुर से बाबा भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया जाएगा। इसके बाद गांधी चौक से रिंगरोड होते हुए महामाया मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे के दर्शन करेंगे। फिर नवापारा चर्च से होते हुए अपने निवास स्थान ग्राम पंचायत डिगमा की ओर प्रस्थान करेंगे।
छत्तीसगढ़ के तमाम पत्रकार होंगे शामिल
इस विशेष अवसर पर छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों से भी लोग आमंत्रित किए गए हैं, जिनकी भारी संख्या में आने की संभावना जताई जा रही है। इस भव्य रोड शो के आयोजन में पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों का विशेष ध्यान रखा जाएगा, ताकि कार्यक्रम शांतिपूर्ण और सफलतापूर्वक संपन्न हो सके।
कुमार जितेन्द्र जायसवाल के इस स्वागत समारोह में उनके योगदान, पत्रकारिता में उनके आदर्श और उनके संघर्ष को सम्मानित किया जाएगा, जो न केवल अंबिकापुर बल्कि पूरे राज्य में एक प्रेरणा बना है। यह दिन न केवल उनके चाहने वालों के लिए, बल्कि समग्र पत्रकारिता जगत के लिए भी एक ऐतिहासिक दिन साबित होगा।