सारंगढ़ वन विभाग की बड़ी कार्रवाई : करंट से जंगली सूअर का अवैध शिकार, तीन आरोपी गिरफ्तार – दो फरार, भारी सामग्री जब्त
1 min read
सारंगढ़-बिलाईगढ़। अवैध वन्यजीव शिकार पर नकेल कसने के लिए सारंगढ़ वन विभाग ने गुरुवार को एक बड़ी और महत्वपूर्ण कार्रवाई को अंजाम दिया। डीएफओ के मार्गदर्शन में सामान्य वन परिक्षेत्र सारंगढ़ की टीम ने ग्राम नूनपानी में करंट बिछाकर जंगली सूअर के शिकार का आरोपी गिरोह पकड़ने में सफलता हासिल की है। मुखबिर से मिली पुख्ता सूचना के आधार पर की गई इस कार्रवाई में वन विभाग ने मौके पर दबिश दी, जहां कुछ आरोपी खेत के किनारे बिजली प्रवाहित तारों का उपयोग कर जंगली सूअर को मारने की तैयारी में थे। विभागीय टीम को देखते ही कुछ आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से भाग निकले, लेकिन वन अमले ने तीन शिकारियों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सुनील सिदार पिता संत कुमार (32 वर्ष), लक्ष्मीनारायण यादव पिता भगाऊ यादव (44 वर्ष) और जोगीराम सिदार पिता सुमित्रा सिदार (20 वर्ष) के रूप में हुई है। ये तीनों आरोपी ग्राम नूनपानी, तहसील बरमकेला के निवासी बताए गए हैं। प्रारंभिक पूछताछ में उन्होंने करंट से जंगली सूअर को मारने की बात स्वीकार कर ली। आरोपियों ने यह भी बताया कि वे लंबे समय से इसी तरीके से अवैध शिकार करते आए थे और मांस बेचने के लिए नेटवर्क भी सक्रिय था।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, दो अन्य आरोपी मौके से भागने में सफल रहे हैं। उनका नाम विभाग ने फिलहाल गोपनीय रखा है, लेकिन उनकी पहचान हो चुकी है और वन विभाग की टीमें उनकी तलाश में लगातार संभावित स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि फरार आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर पूरे गिरोह का खुलासा किया जाएगा।
कार्रवाई के दौरान वन विभाग ने मौके से भारी मात्रा में अवैध शिकार में उपयोग की गई सामग्री जब्त की है। इसमें बिजली प्रवाहित करने के लिए बिछाए गए तार, कनेक्शन उपकरण, लोहे के फंदे, धारदार हथियार और जंगली सूअर के कई अवशेष शामिल हैं। बरामद किए गए सभी सबूतों को सील कर विभागीय रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया है। यह भी माना जा रहा है कि आरोपियों ने कई बार इस तरीके से शिकार किया था, जिसके प्रमाण टीम को घटनास्थल के आसपास से मिले हैं।
वन विभाग ने इस मामले में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत गंभीर धाराओं में प्रकरण कायम किया है। डीएफओ ने बताया कि करंट से शिकार न केवल गैरकानूनी है, बल्कि बेहद क्रूर और खतरनाक तरीका है, जिसमें अन्य वन्यजीवों सहित मानव जीवन के लिए भी बड़ा खतरा बना रहता है। विभाग ने चेतावनी दी है कि वन्यजीवों की हत्या करने वालों पर सख्त से सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
डीएफओ ने अपनी टीम को जंगल और ग्रामीण इलाकों में लगातार निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ग्रामीणों और स्थानीय लोगों से अपील की है कि किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि, अवैध शिकार, लकड़ी तस्करी या वन अपराधों की जानकारी तुरंत वन विभाग को दें। उन्होंने कहा कि आम जनता की जागरूकता और सहयोग से ही वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
सारंगढ़ क्षेत्र में हाल के दिनों में अवैध शिकार की घटनाओं में वृद्धि देखी गई थी, जिसके बाद विभाग ने विशेष टीम गठित कर निगरानी तेज की थी। नूनपानी में हुई यह कार्रवाई उसी अभियान का हिस्सा है, जिसमें अब तक कई छोटे-बड़े अपराधियों पर शिकंजा कसा जा चुका है। वन अमला इस सफल कार्रवाई को बड़ी उपलब्धि मान रहा है और उम्मीद जताई है कि इससे भविष्य में अवैध शिकार की घटनाओं पर अंकुश लगेगा।
वन विभाग की यह सटीक और साहसिक कार्रवाई इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वन्यजीव संरक्षण के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आने वाले दिनों में विभाग और भी कड़े कदम उठाने की तैयारी में है, जिससे वन्यजीवों को सुरक्षित और संरक्षित रखा जा सके।
![]()

