पारिवारिक कलह से टूटा पत्रकार — कलेक्टर से मांगी इच्छा मृत्यु, बोला “न्याय नहीं मिला तो कर लूंगा आत्महत्या”पत्नी और ससुराल पक्ष पर झूठे आरोपों से फंसाने का आरोप, पूरे जिले में मचा हड़कंप
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जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़11/11/2025=सारंगढ़ जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पत्रकारिता जगत को झकझोर कर रख दिया है। अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के जिला कोषाध्यक्ष और पेशे से पत्रकार पिंगध्वज कुमार खांडेकर ने पारिवारिक विवाद और ससुराल पक्ष की प्रताड़ना से तंग आकर कलेक्टर को आवेदन देकर इच्छा मृत्यु की मांग की है।

पत्रकार पिंगध्वज, ग्राम हिर्री (तहसील सारंगढ़) के निवासी हैं और वे पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। परंतु अब वे अपनी ही निजी जिंदगी के संघर्ष से इस कदर टूट चुके हैं कि उन्होंने खुद अपने जीवन का अंत करने की इच्छा जताई है।
प्रेम विवाह बना कलह का कारण
पिंगध्वज ने अपने आवेदन में लिखा है कि करीब 13 वर्ष पूर्व उनका प्रेम विवाह सांया खांडे से हुआ था। दोनों के दो बच्चे हैं — पुत्र एडोल्फध्वज (8 वर्ष) और पुत्री आर्यंज्वला (12 वर्ष)। शादी के बाद कुछ वर्षों तक सब कुछ ठीक रहा, लेकिन बीते कुछ समय से पत्नी और ससुराल पक्ष द्वारा झूठे आरोपों और मानसिक प्रताड़ना के कारण उनकी जिंदगी नर्क बन गई है।
पत्रकार का कहना है कि ससुराल पक्ष न केवल उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर रहा है, बल्कि सामाजिक रूप से भी बदनाम करने की साजिश रच रहा है। उन्होंने बताया कि ससुराल पक्ष ने बार-बार पुलिस में झूठी शिकायतें दर्ज कराकर उन्हें फंसाने की कोशिश की है।
⚡ “पत्नी ने घर छोड़ दिया, ससुराल वालों ने रचा षड्यंत्र”
पिंगध्वज के अनुसार, 25 अक्टूबर 2025 की रात करीब 8:30 बजे उनकी पत्नी ने घर में झगड़ा कर उन्हें घर से निकाल दिया। जब उन्होंने समझाने का प्रयास किया तो पत्नी ने झगड़े को बढ़ा दिया। उन्होंने बताया कि स्थिति को संभालने की कोशिश में उन्होंने पत्नी को समझाने के लिए 2-4 थप्पड़ मार दिए और फिर उसे घर ले आए।

लेकिन अगले ही दिन, 26 अक्टूबर की रात को लगभग 9:00 बजे, पत्नी घर से बच्चों सहित भागने की कोशिश करने लगी। हालांकि दोनों बच्चों ने अपनी मां के साथ जाने से इनकार कर दिया। इसके बाद पत्नी अपने मायके पक्ष के संपर्क में आ गई और पूर्व सरपंच के घर जाकर रुकी, जहाँ उसके भाई प्रवीण मल्होत्रा और मां श्यामबाई भी मौजूद थे। बाद में वह पेंड्रावन सरसिंवा गांव चली गई, जहाँ उसकी बहन दीपिका बघेल रहती है।
पत्रकार ने आरोप लगाया कि पत्नी के परिवार ने मिलकर उनके खिलाफ झूठे केस दर्ज कराने की साजिश रच ली है। उन्होंने कहा कि ससुराल पक्ष के राजनीतिक संबंधों का इस्तेमाल कर उन्हें मानसिक और सामाजिक रूप से अपमानित किया जा रहा है।
⚖️ “मुझे न्याय नहीं मिला तो आत्महत्या कर लूंगा”
अपने आवेदन में पिंगध्वज खांडेकर ने लिखा —
> “मेरी पत्नी, ससुराल पक्ष और उनके सहयोगियों ने मिलकर मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है। मैं अब टूट चुका हूँ। यदि मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं अपने जीवन का अंत करने के लिए विवश हो जाऊँगा। मेरी मृत्यु की पूरी जिम्मेदारी मेरी पत्नी और ससुराल पक्ष की होगी।”
उन्होंने आगे लिखा कि पत्नी और ससुराल पक्ष ने झूठे आरोप लगाकर पुलिस प्रशासन को भ्रमित किया है और उनकी सामाजिक छवि खराब करने का षड्यंत्र रचा है।
茶 राष्ट्रपति और राज्यपाल को भी भेजी प्रतिलिपि
पिंगध्वज ने इस आवेदन की प्रतिलिपि महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल छत्तीसगढ़ और जिला पुलिस अधीक्षक सारंगढ़-बिलाईगढ़ को भी भेजी है, ताकि उन्हें न्याय मिल सके और उनके ऊपर हो रहे अत्याचार की निष्पक्ष जांच हो।
पत्रकार जगत में हलचल
पत्रकार द्वारा कलेक्टर को दी गई इस इच्छा मृत्यु की मांग वाले आवेदन ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी है। स्थानीय पत्रकार संगठन इस घटना से स्तब्ध हैं और प्रशासन से त्वरित जांच की मांग कर रहे हैं।
पत्रकार जगत में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि जब एक पत्रकार — जो समाज की आवाज़ उठाने का काम करता है — खुद न्याय के लिए भटक रहा है, तो आम आदमी का हाल क्या होगा?
अब प्रशासन की परीक्षा
अब देखने वाली बात यह है कि जिला प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है।
क्या पत्रकार को न्याय मिलेगा या फिर यह मामला भी व्यवस्था की उदासीनता की भेंट चढ़ जाएगा — यह आने वाला समय ही बताएगा।
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